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खूनी बवासीर का रामबाण इलाज | खूनी बवासीर का घरेलू उपचार

Khooni Bawaseer Ka Ilaj | खूनी बवासीर का इलाज

खुनी बवासीर का रामबाण इलाज : खूनी बवासीर का कारण, लक्षण, इलाज - खूनी बवासीर का इलाज कई विधियों से किया जा सकता है। खूनी बवासीर की समस्या पुरुषों और महिलाओं में समान रूप से देखने को मिलती है। खूनी बवासीर के लक्षण यह है कि जब पीड़ित व्यक्ति मल त्याग करता है तो उसके मल के साथ खून भी मिले हुए होते हैं। हमेशा मलद्वार से धीरे-धीरे खून के जमे हुए थक्के निकलते रहते हैं। यह चिपचिपा होता है। खूनी बवासीर में मलद्वार के आसपास सूजन और घाव हो सकते हैं। इसके कारण गुदाद्वार और उसके आसपास के क्षेत्रों में काफी तेज दर्द होता है। खूनी बवासीर में होने वाले दर्द के कारण आदमी मल त्याग करने से डरने लगता है। यह बीमारी काफी परेशान करने वाली होती है आइए जानते हैं कि बवासीर का रामबाण इलाज किस तरह से किया जा सकता है।


बवासीर क्या है?

डॉक्टरी भाषा में बाबासीर ऐसी बीमारी को कहते हैं जिसमें गुदाद्वार तथा उसके आसपास की नसों का आकार असामान्य रूप से बढ़ जाता है और उसमें गंभीर रूप से सूजन भी आ जाती है। सामान्य रूप से बवासीर चार प्रकार के होते हैं जैसे—

बवासीर के विभिन्न प्रकार

बाहरी बवासीर | External Hemorrhoids बवासीर की यह बीमारी का प्रकार मलाशय Rectum में होता है। इसमें मस्से मल निकलने वाली जगह के ठीक ऊपरी मसल्स में होते हैं।

अंदरूनी बवासीर | Internal Hemorrhoids पाइल्स या बाबासीर का यह प्रकार मलाशय या Rectum के अंदर होता है। कई बार इन्हें बाहर से नहीं देखा जा सकता है, क्योंकि यह गुदाद्वार के अंदर रहते हैं।

प्रोलेप्सेड बवासीर | Prolapsed Hemorrhoids यह बवासीर अंदरूनी बवासीर के पश्चात होता है। जब अंदरूनी बवासीर का सूजन अधिक हो जाता है और यह एनस मार्ग के बाहर तक फैलने लगता है तो इसे प्रोलेप्सड बवासीर कहते हैं।

खूनी बवासीर | Bleeding Hemorrhoids खूनी बवासीर होने पर आस-पास की नसों में खून के थक्के बनने लगते हैं। यह एनस के बाहर और अंदर दोनों जगह हो सकता है।

खूनी बवासीर के कारण | Causes of Bleeding Hemorrhoids In Hindi

गलत खानपान और कब्ज
अंदरूनी या बाहरी बवासीर है और स्टूल पास करते समय जोर लगाते हैं तो रक्तस्त्राव हो सकता है।
कठोर मल के कारण रक्तस्त्राव अधिक होता है।
एनल सेक्स Anal Sex से बवासीर में प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और इससे ब्लीडिंग हो सकती है।
बढ़ती उम्र के साथ बवासीर का खतरा भी बढ़ जाता है। बवासीर से लड़ने वाले टिश्यू उम्र बढ़ने पर कमजोर हो जाते हैं। ऐसे में खूनी बवासीर होने की संभावना ज्यादा होती है।

खूनी बवासीर के लक्षण | Symptoms Of Bleeding Piles In Hindi

स्टूल के रंग में बदलाव आ जाता है।
स्टूल के साथ खून आने की शिकायत भी हो सकती है।
गुदा क्षेत्र को पोछने से टिश्यू में खून आ सकता है।
ग्रेड 4 होने पर आपके अंडरवियर में भी खून देखा जा सकता है।

बवासीर के अन्य लक्षण

स्टूल पास करते समय दर्द।
हर वक्त एनस मार्ग में दर्द।
सिर दर्द और चक्कर आना।
उल्टी और जी मिचलाना।
बुखार।
शरीर का वजन कम होने लगता है।
कई बार खूनी बवासीर इतने जटिल स्तर तक पहुंच जाते है कि आसपास की नसें फट सकती हैं। ऐसी स्थिति होने पर खून बहने लगता है।

खूनी बवासीर का निदान या जाँच Diagnosis

बवासीर का निदान दो प्रकार से किया जा सकता है:

डिजिटल रेक्टल एग्जामिनेशन | Digital Rectal Examination डॉक्टर गुदा मार्ग में ल्यूब्रिकेटेड फिंगर डालेंगे और वहां पर ऊतकों के असामान्य ग्रोथ को पहचानेंगे।
विजुअल एग्जामिनेशन | Visual Examination इसमें डॉक्टर कोलॉन और गुदा के निचले हिस्से की जाँच के लिए एनोस्कोप, प्रोक्टोस्कोप या सिग्मोइडोस्कोप का उपयोग करेंगे।

यदि आपको पाचन तंत्र संबंधी अन्य समस्याएं हैं।
यदि आपको कोलोरेक्टल कैंसर होने का जोखिम है।
मध्यम आयुवर्ग के लोग, जिन्होंने हाल में कोलोनोस्कोपी नहीं करवाई है।
उपरोक्त स्थितियां होने पर कई बार डॉक्टर कोलोनोस्कोपी की सलाह देते हैं

खूनी बवासीर के लिए घरेलू नुस्खे

खूनी बवासीर का निदान और उचित इलाज बहुत आवश्यक है, नीचे दिए गए कुछ घरेलू नुस्खे दर्द और परेशानी को कम कर सकते हैं, परंतु अगर स्थिति अधिक गंभीर है तो इसके उपचार के लिए मेडिकल ट्रीटमेंट की आवश्यकता पड़ेगी।

गुनगुने पानी में कुछ देर तक अपने गुदा क्षेत्र को कुछ इंच तक डुबोकर रखें, अतिरिक्त लाभ के लिए आप पानी में एप्सम साल्ट डाल सकते हैं। इसे सिट्ज़ बाथ भी कहा जाता है।
एक बर्फ के गोले को सूती कपड़े में लपेटकर सूजन वाली नसों पर रखें, इससे सूजन और दर्द कम होगा।
बवासीर की क्रीम का उपयोग कर सकते हैं।
लगातार न बैठे रहें।
मलत्याग की इच्छा होने पर मलत्याग के लिए अवश्य जाएं।
फाइबर युक्त आहार का अधिक सेवन करें और भरपूर मात्रा में पानी पिएं

खूनी बवासीर से बचाव के उपाय

कठोर चीजें इस्तेमाल न करें
किसी ठोस जगह के ऊपर बिना तकिया के न बैठें। इसके अलावा हार्ड (Hard) टॉयलेट पेपर का इस्तेमाल भी न करें। हो सके तो किसी भी तरह का टॉयलेट पेपर इस्तेमाल में न लाएं। टॉयलेट पेपर की जगह मुलायम सूती कपड़े का इस्तेमाल करें।

जोर के साथ स्टूल पास न करें

बवासीर है तो आराम से मलत्याग करना चाहिए। लेकिन, टॉयलेट में उचित समय तक ही बैठें। अधिक देर तक टॉयलेट में बैठना परेशानी बढ़ा सकता है।

समय पर शौच करें

स्टूल पास करने का मन हो तो देरी न करें। खूनी बवासीर से पीड़ित रोगी को समय पर शौच के लिए जाना चाहिए। ऐसा न करने से बवासीर तीव्र हो जाता है और दर्द भी होता है।

भरपूर तरल पदार्थ पिएं

भरपूर मात्रा में पानी पीना आपकी परेशानियों को काफी कम कर सकता है। इससे कब्ज नहीं बनेगा और मल भी मुलायम रहेगा जिससे बवासीर नहीं होगा। बवासीर को बढ़ने से रोकना चाहते हैं तो दिन में 4 से 5 लीटर पानी जरूर पिएं।

सिर्फ फाइबर ही खाएं

ऐसे पदार्थों का सेवन करें जिनमें भरपूर मात्रा में फाइबर मौजूद हो। ‘फाइबर’ मल को मुलायम बनाता है और पाचन से जुड़ी परेशानियों को भी दूर करता है। बवासीर के दौरान पाचन से संबंधित परेशानियां होती हैं तो दर्द और सूजन बढ़ सकता है।

फाइबर सप्लीमेंट का उपयोग करें

कठोर मल निकल रहा है तो फाइबर के सप्लीमेंट्स भी ले सकते हैं। ऐसा डॉक्टर से पूछ कर ही करें। 

मिरालेक्स लें Miralax

इसे लेने में कोई समस्या नहीं होती है और न ही इसके कोई साइड इफेक्ट्स हैं। यह पूरी तरह से सुरक्षित है। मिरालेक्स लेने से पाचन तंत्र में पानी ठीक तरह से पहुंचता है। यह स्टूल को मुलायम बनाता है।

खूनी बवासीर की जटिलताएं

इन्फेक्शन हो सकता है।
अधिक रक्तस्त्राव के कारण एनीमिया हो सकता है।
रक्त के थक्के बन सकते हैं।
रोगी के शरीर में कमजोरी आ जाती है।

खूनी बवासीर का मेडिकल इलाज
निदान के बाद यदि सर्जरी करने की आवश्यकता है तो डॉक्टर सर्जरी कर सकते हैं। खूनी बवासीर का इलाज करने के लिए नीचे कुछ उपचार और सर्जिकल प्रकियाएं दी गई हैं।

स्क्लेरोथेरेपी | Sclerotherapy

स्क्लेरोथेरेपी बवासीर के इलाज की एक प्रक्रिया है जिसमें खास तरह के लिक्विड सॉल्यूशन (Liquid Solution) को इंजेक्शन (Injection) की मदद से बवासीर से प्रभावित क्षेत्र में डाला जाता है। यह सॉल्यूशन जल्द ही अपना असर दिखाना शुरू कर देता है और मस्से सूख जाते हैं। हालांकि, इसके बाद भी बवासीर हो सकता है।

रबर बैंड लिगेशन | Rubber Band Ligation

खूनी बवासीर का जहां से शुरुआत होता है उस क्षेत्र में एक रबर बैंड को लगाया जाता है। यह बैंड खूनी मस्सों तक पहुंच रहे खून को रोक देता है। इससे प्रभावित क्षेत्र तक खून नहीं पहुंच पाता है और कुछ ही दिनों में बवासीर ठीक हो जाती है। इसे भी खूनी बवासीर का स्थाई उपचार नहीं कह सकते हैं।

इलेक्ट्रो-कोएगुलेशन | Electro Coagulation

आंतरिक यानी एनस मार्ग के अंदर की बवासीर को ठीक करने के लिए इस प्रक्रिया को इस्तेमाल करते हैं। एक उपकरण (Instrument) की मदद से बवासीर वाली जगह में इलेक्ट्रिक करंट (Electric Current) भेजते हैं। इससे बवासीर सूख जाता है और बाद में गिर जाता है।

स्टेपलर हेमोरोइडोपेक्सी | Stapler Hemorrhoidopexy

इस प्रक्रिया में बाहर की तरफ निकल रही बवासीर को स्टेप्लिंग करके अंदर कर दिया जाता है और खून का प्रवाह करने वाली नसों को रोक दिया जाता है। इससे कुछ ही दिनों बाद खूनी बवासीर खत्म हो जाता है। 

डॉपलर गाइडिड हेमोरॉयड आर्टरी लाइगेशन | Doppler Guided Hemorrhoid Artery Ligation

यह एक प्रकार की सर्जरी है जिसे अल्ट्रासाउंड Ultrasound की मदद से पूरा किया जाता है। अल्ट्रासाउंड से खून के बहाव का मार्ग पता करते हैं और फिर उसी मार्ग को ब्लॉक कर दिया जाता है। इससे खून का प्रवाह बवासीर तक नहीं हो पाता और कुछ ही दिनों में यह सूख जाती है। 

हेमरॉयडेक्टमी | Hemorrhoidectomy

सर्जरी के माध्यम से अंदरूनी बवासीर को निकाल दिया जाता है। जटिल बवासीर होने पर यह सर्जरी बहुत लाभदायक है। डॉक्टर एनस मार्ग में कुछ चीरे लगाते हैं और बवासीर के मस्सों को बाहर निकाल देते हैं। इसे बवासीर की ओपन सर्जरी भी कहते हैं। यह बवासीर का जड़ से खात्मा करती है लेकिन, उपचार के बाद रोगी को ठीक होने में बहुत अधिक समय लगता है और इन्फेक्शन होने के चांसेस अधिक होते हैं।

लेजर सर्जरी | Laser Surgery

इसमें सर्जन एक निश्चित वेवलेंथ (Wavelength) की लेजर लाइट बवासीर से प्रभावित क्षेत्र पर फोकस (Focus) करते हैं| लेजर की मदद से बवासीर सूख जाता है| बवासीर का इलाज के लिए लेजर सर्जरी सबसे बढ़िया विकल्प है| इस सर्जरी में कोई कट नहीं होता है| शायद ही कोई ऐसा केस होता हो जिसमें टांके की जरूरत पड़ती हो|

ग्रेड 3 तक की बवासीर को सिर्फ लेजर की मदद से ठीक किया जा सकता है, कई बार ग्रेड 4 की बवासीर में लेजर के साथ ओपन सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है।

जब बवासीर का ग्रेड अपने चरम पर होता है और तब डॉक्टर इसकी ओपन सर्जरी करने को कहते हैं।

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